Sources and Health Benefits of Vitamin E |विटामिन ई के स्रोत और स्वास्थ्य लाभ

शरीर की स्वस्थ्य और बेहतर बनाए रखने के लिए कई तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है हमारे शरीर को विटामिन ई भी उन्हीं पोषक तत्वों में से एक है। शरीर में अगर विटामिन ई की कमी हो जाए, तो हमारे शरीर से जुडी कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है|  हम आपको इसमें विटामिन ई के फायदे और उसे जुडी कुछ जरुरी बाते बताएंगे, बल्कि विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थ की भी जानकारी देंगे। ध्यान रहे कि विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थ बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं। साथ ही अगर कोई बीमार है, तो विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थ उसके लक्षणों को कुछ कम कर सकते हैं।

विटामिन ई क्या है?

विटामिन-ई एक फैट सॉल्युबल विटामिन है। यह एक कारगर यौगिक भी है। विटामिन-ई शरीर के टिश्यू को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है। यह शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचा की इम्युनिटी के लिए भी विटामिन-ई की आवश्यकता होती है। यह शरीर को वायरस और बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण से भी बचा सकता है। इस विषय में आपको  जरूरी जानकारी दी जाएगी।    

विटामिन ई के लाभ – Vitamin E Benefits 

इससे पहले कि आप विटामिन-ई के स्रोत के बारे में जानें, आपका यह जानना जरूरी है कि विटामिन-ई के फायदे क्या-क्या हैं।

कैंसर : एक शोध के अनुसार, विटामिन-ई में एंटी-कैंसर गुण मौजूद होते हैं वहीं, कुछ शोध में यह भी बताया गया है कि विटामिन-ई कैंसर में बचाव करने में इसका कोई भूमिका नहीं निभाता इस आधार पर यह कहा जा सकता है| कि विटामिन-ई कैंसर से पूरी तरह बचाव कर सकता है या नहीं यह अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाया है। इसमें और शोध कि जरूरत है |

हृदय के लिए : विटामिन-ई हृदय रोग के लिए लाभकारी हो सकता है। कुछ शोध के अनुसार यह बताया गया है कि विटामिन-ई का सेवन करने से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम कर सकता है। इसके अलावा , विटामिन-ई के इस लाभ को लेकर प्रश्न बना हुआ है। वैज्ञानिक प्रमाण के अनुसार में यह कहना थोड़ा मुश्किल होगा कि विटामिन-ई हृदय रोग के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है| हृदय के लिए विटामिन-ई सप्लीमेंट लेने से पहले अच्छा होगा कि आप एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

आंखों के विकार के लिए : बढ़ती उम्र के साथ हम लोग को कुछ नेत्र संबंधी विकार जैसे एज रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन (Age-related macular degeneration-AMD) और मोतियाबिंद जैसे बीमारी से अंधेपन का कारण बन सकते हैं। यहां विटामिन-ई के लाभ देखे जा सकते हैं। माना जाता है कि एंटीऑक्सीडेंट, जिंक और कॉपर के साथ विटामिन-ई के सप्लीमेंट एएमडी से पीड़ित व्यक्तियों में अंधेपन के खतरे को कम किया जा सकता हैं |

त्वचा के लिए :विटामिन-ई त्वचा के लिए भी लाभकारी हो सकता है। कई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट में विटामिन-ई का उपयोग किया जाता है। कुछ शोध के अनुसार, यह त्वचा से सम्बंधित समस्या जैसे – जेरोसिस (Xerosis) यानी त्वचा के रूखेपन की समस्या, त्वचा पर खुजली व सूजन की समस्या और अल्सर जैसी परेशानियों से राहत दिला सकता है विटामिन ई त्वचा को मुलायम बनाता है फिलहाल, इस विषय में अभी और शोध की आवश्यकता है आपको इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टरी सलाह से विटामिन-ई युक्त तेल या क्रीम का उपयोग किया जा सकता है इस बात को डाक्टर से जरुर परामर्श करे |

इम्युनिटी के लिए :विटामिन-ई रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में भी मदद कर सकता है। यह वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण से बचाव करने में भी मदद कर सकता है खासकर, वृद्धों के लिए यह काफी लाभकारी हो सकता है। इम्युनिटी के लिए विटामिन-ई एक एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है आप विटामिन ई का रोज सेवन करने से आपकी इम्युनिटी शक्ति बढ़ सकती है |

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विटामिन ई की कमी से होने वाले रोग-

आप विटामिन ई के फायदे तो जान गये अब आपको विटामिन ई कि कमी से होने वाले रोग के बारे में जानना जरुरी है तो चलिए हम आपको बताते है निचे दिए गये लेख में | Vitamin E की कमी के कारण हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है और इस कारण से कई बीमारियां पैदा हो जाती है। जैसे कि  ब्रेन हेमरेज और हार्ट अटैक जैसे बीमारियाँ आदि गंभीर रोग भी विटामिन ई की कमी से हो सकते हैं। Vitamin E की कमी से मानसिक खराबी भी हो सकते हैं| और इसी वजह से हमारी   इम्यूनिटी भी कमजोर हो सकती है, इसलिए सावधान रहने की जरूरत है| इसके अलावा कई एसे रोग है जो कि विटामिन ई के कमी कि कारण से होती है | जैसे कि

क्रोन रोग ( Crohn’s Disease) – इस रोग में पाचन तंत्र में सूजन की समस्या हो सकती है। इसके लक्षणों में आपको दस्त, बुखार और वजन घटने जैसे समस्या भी  शामिल है |

सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic Fibrosis) – यह फेफड़ों से सम्बंधित बीमारी होती है। यह वंशानुगत है और अगर या बीमारी परिवार के किसी सदस्य होती है, तो यह उसी परिवार के किसी दूसरे व्यक्ति को भी हो सकती है। इसमें रोगी को  विटामिन (ए, ई, के और डी) के सप्लीमेंट दिए जा सकते हैं|

  • इसमें तंत्रिका और मांसपेशियों की समस्या भी हो सकती है।
  • देखने की क्षमता में भी कमी आ सकती है।
  • विटामिन ई की कमी के कारण से प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर हो सकती है जिसे शरीर कि हड्डिया कमजोर भी हो सकती है |

विटामिन ई की कितनी आवश्यकता है?

प्रत्येक दिन आवश्यक विटामिन ई की मात्रा व्यक्ति की उम्र पर निर्भर करती है। नीचे हम आपको बतायेगे कि विटामिन ई कि कितनी आपको आवश्यकता होती है हमारे शरीर के लिए  उसके बारे में एक सूची निचे दिया गया है |

वर्ग बच्चे और व्यस्क                     मात्रा प्रति दिन

जन्म से लेकर 6 महीने तक                       4 मिलीग्राम

9-13 साल तक के बच्चे                          11 मिलीग्राम

14-18 साल तक के बच्चे                        15 मिलीग्राम

व्यस्क                                         15 मिलीग्राम

गर्भवती महिला                                  15 मिलीग्राम

विटामिन-ई की मात्रा के बारे में  आप एक बार डॉक्टर से भी सलाह जरूर लें। डॉक्टर व्यक्ति के स्वास्थ्य के अनुसार इसके सेवन के बारे में जानकारी देंगे।

विटामिन ई की कमी से बचने के उपाय – Prevention Tips for Vitamin E Deficiency

  • विटामिन-ई की कमी से बचाव के लिए विटामिन-ई से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे – सब्जियों और फलों का सेवन करें जो कि आपके शरीर कि कमी को दूर करे |
  • विटामिन-ई से युक्त ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें।
  • डॉक्टर की सलाह के अनुसार आप विटामिन ई के कैप्सूल का सेवन भी कर सकते हैं।

विटामिन ई के फायदे शरीर को बीमारियों से बचाने के लिए हो सकते हैं। साथ में यह भी ध्यान रहे कि विटामिन ई जरूरत से ज्यादा सेवन करने से शरीर को  नुकसान भी पंहुच सकता हैं। इसलिए, सही तरीके से और डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही विटामिन ई का सेवन करें। अगर किसी भी विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थ से किसी व्यक्ति को एलर्जी हो, तो उस खाद्य पदार्थ का सेवन न करें। ध्यान रहे विटामिन ई कुछ बीमारियों से बचाव कर सकता है, न कि उन्हें ठीक कर सकता है। किसी भी गंभीर बीमारी के लिए डॉक्टरी इलाज आवश्यक है। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति विटामिन ई के कैप्सूल का सेवन करना चाहता है, तो डॉक्टरी सलाह जरूरी है। जिसे आपको पता चले कि विटामिन ई को कब कैसे और कितनी मात्रा में लिया जा सकता है |

विटामिन ई के सबसे अच्छा स्रोत क्या है ?

बादाम विटामिन-ई का सबसे अच्छा स्रोत माना गया है.| बादाम का दूध और तेल भी मिलता है, लेकिन आप कच्चे बादाम का सेवन करेंगे तो यह आपके शरीर के लिए  फायदा आधिक होगा. जैसे कि आप जानते है कि पालक आयरन से भरपूर होने के साथ ही इसमें विटामिन-ई भी होता है. यह हमारे पाचन क्रिया में मदद करता है|