मिड डे मील योजना (Mid Day Meal Scheme) एक स्कूल फीडिंग प्रोग्राम सिस्टम है। यह योजना सन 1955 मे केंद्र सरकार द्वारा पारित किया गया था। सरकार स्कूलों की वेवस्था को बनाए रखने के लिय यह योजना बहुत बेहतर साबित हो रही है। क्योंकिन इस योजना के तहत प्रयमरी स्कूल के के बच्चों को प्रतिदिन दोपहर का भोजन पोस्टिक और पर्याप्त भोजन दिया जा रहा है। यदि आप इस योजना के बारे मे और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल से जुड़े रहे और पूरा पढ़ें।
मिड डे मील योजना का मुख्य उद्देश्य
जैसा की देश के सभी नागरिक यह जानते हैं की हमारे देश के बहुत से छात्र सरकारी स्कूलों मे पढ़ते हैं और दोपहर का भोजन वहीं पते हैं। इसीलिए भारत सरकार ने मिड डे मील योजना योजना को पारित किया हैं क्योंकि इसके तहत बच्चों को दोपहर मे अच्छा और पोस्टिक आहार प्रदान किया जाएगा। समाज के वे घर जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिनके आर्थिक स्थिति खराब है। ऐसे घरों के बच्चे ज्यादातर सरकारी स्कूलों मे पढ़ते हैं। ऐसे मे उन्हे एक समय अच्छा भोजन देने से उनकी स्वस्थ भी ठीक रहेगा और उनके घर का एक समय का राशन भी बचेगा।
मिड डे मील योजना का न्यू अपडेट
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई मिड डे मील योजना (Mid Day Meal Scheme) के द्वारा देश भर के बच्चों को डाइरेक्ट बेनीफिट देने के लिए सहायता के रूप से उचित धनराशि भेजे जाने की संभावना है। इस योजना के तहत केन्द्रीय सिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निसंक ने एक विशेष उपाय के माध्यम से मध्यान्ह भोजन योजना के तहत सभी पात्र बच्चों के लिए खाना पकाने की लागत की धनराशि देने की योजना को मंजूरी दे दिए हैं। केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए डीबीटी के द्वारा 11.8 करोड़ छात्रों को नगद धनराशि प्रदान करने की घोषणा की हैं।
मिड डे मील योजना संक्षिप्त वर्णन
योजना का नाम | Mid Day Meal Scheme |
किसके द्वारा आरंभ की गई | केंद्र सरकार द्वारा |
कब आरंभ किया गया | 27 मार्च 1955 |
लाभार्थी | प्राइमरी श्रेणी के छात्र |
लाभ | बच्चों के लिए |
योजना की श्रेणी | केंद्र सरकार योजनाएं |
मिड डे मील योजना क्यों पारित किया गया
प्राइमरी सरकारी स्कूलों मे पढ़ रहे गरीब बच्चों को लाभ देने के लिए और उनका प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा Mid Day Meal Scheme को पारित किया गया। केंद्र सरकार के द्वारा इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों मे पढ़ने वाले सभी छात्रों को दोपहर का भोजन प्रदान किया जाता है। इस योजना के शुरुआत मे सभी छात्रों को सुव्यवस्थित ढंग से लाभ नहीं प्राप्त हो पा रहा था लेकिन अब इस योजना से लगभग 12 करोड़ से भी अधिक छात्रों को लाभ प्राप्त हो रहा है।
मिड डे मील योजना का बजट
जैसा की हम सभी जानते हैं की यह केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई योजना है और पूरे देश मे लागू है। इसीलिए इसका बजट भी बाद होगा। केंद्र सरकार ने इस बढ़ती हुई महंगाई को देखते हुए वजट मे पहले के अपेक्षा काफी बढ़ावा किया हैं। क्योंकि अब बच्चों को पहले बेहतर खाना और पोस्टिक आहार दिया जा रहा है तथा अब स्कूलों मे हरी सब्जिया भी बनाई जा रहीं है।
मिड डे मील योजना का मेनू
हमारे देश मे Mid Day Meal Scheme के तहत सरकारी स्कूलों मे केंद्र सरकार द्वारा निम्नलिखित मेनू प्रदान किए जाते हैं।
भोजन | देने की मात्र (ग्राम मे) |
चावल / गेहू | 100 ग्राम प्राथमिक कक्षा के छात्रों के लिए / 150 ग्राम 6 से 8वीं कक्षा के छात्रों के लिए। |
दाल | 20 ग्राम प्राथमिक कक्षा के छात्रों के लिए / 30 ग्राम 6 से 8 वीं कक्षा के छात्रों के लिए |
तेल और वसा | 5 ग्राम प्राथमिक कक्षा के छात्रों के लिए / 7.5 ग्राम 6वीं से 8 वीं कक्षा के छात्रों के लिय |
सब्जिय | 50 ग्राम प्राथमिक कक्षा के छात्रों के लिए / 75 ग्राम 6 वीं से 8 वीं कक्षा के छात्रों के लिय |
मिड डे मील योजना का साप्ताहिक मेनू
दिन | भोजन का विवरण |
सोमवार | रोटी-सब्जी एवं दाल |
मंगलवार | चावल-दाल एवं सब्जी |
बुधवार | रोटी-दाल |
गुरुवार | खिचड़ी (दाल, चावल, सब्जी आदि युक्त) |
शुक्रवार | रोटी दाल |
शनिवार | रोटी-सब्जी एवं दाल |
Mid Day Meal Scheme – FAQ
Question: भारत मे किस राज्य मे सबसे पहले मध्यान्ह भोजन योजना शुरू किया?
Answer: तमिलनाडु मध्यान्ह भोजन योजना का सुभारम्भ करने वाला पहला राज्य था?
Question: मिड डे मील योजना के तीन प्रमुख लाभ कौन से हैं?
Answer: इस योजना पहला लाभ यह है की प्राथमिक स्कूलों मे बच्चों के नामांकन और उपस्थिति मे पहले से अधिक वृद्धि हुई है। दूसरा महत्वपूर्ण लाभ गरीब बच्चों मे फैल रहे कूपोषण मे कमी आई है। तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है की गरीब बच्चों के भूक को समाप्त किया है।
Question: मिड डे मील योजना के लाभार्थी कौन हैं?
Answer: इस योजन के तहत सरकारी स्कूलों मे पढ़ रहे कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8वीं तक के छात्र हैं जिनके उम्र 6 से 14 वर्ष की हो वे सभी छात्र इस योजना के लाभार्थी हैं। साथ ही विशेस प्रशिक्षण केंद्रों मदर्शो, मकताबों के सभी छात्र इस योजना का लाभार्थी हैं।